Success Story: किसान के बेटे ने गांव में रहकर पास की UPSC परीक्षा, B.Tech के बाद बेरोजगारी में सुने लोगों के ताने

Success Story: किसान के बेटे ने गांव में रहकर पास की UPSC परीक्षा, B.Tech के बाद बेरोजगारी में सुने लोगों के ताने:-हेल्लो दोस्तों आज हम बात करने वाले है एक ऐसे व्यक्ति के बारे में जो अपनी सफलता का नया आयाम दिया है हम जिस व्यक्ति के बारे में जानकारी देने वाले है वे अपनी बहुत ही छोटी सी शुरुआत करके एक बहुत बड़ी सफलता हासिल की है आप भी अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक छोटी सी शुरुआत कर सकते है और एक बड़े स्तर पर सफलता को प्राप्त कर सकते है वर्तमान में बेरोजगारी इतनी चरम सीमा पर है जिससे लोगो को काफी संघर्ष करना पड़ रहा है लोग नौकरी को प्राप्त करने के लिए इधर उधर भटक रहे है आज का लेख आपके लिए एक जूनून भरा रहने वाला है साथ ही आज के इस लेख के जरिये एक ऐसे ईमानदार और मेहनती व्यक्ति की सफलता स्टोरी बताने वाले है जिसके बारे में पढ़कर आप भी जिस लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते है प्राप्त कर सकते है क्योंकि बिना मेहनत के सफलता हासिल नही होती है

उत्कर्ष गौरव का जीवन परिचय

इसी के साथ दोस्तों हम आपको एक ऐसे यू पी एस सी एस्पिरेंट की कहानी जिन्होंने कई कठिन प्रयासों के बाद एक सफलता को प्राप्त किया है एक समय ऐसा भी था जब उन्हें लोगों से यह बात सुननी पड़ती थी कि कि इंजीनियरिंग करने के बाद भी घर पर बैठा है लेकिन उन्होंने एक दिन लोगो को यह साबित कर दिया कि वह अपनी लाइफ में कितना बड़ा मकसद लेकर जी रहे थे आज के इस लेख में पटना के उत्कर्ष गौरव की सफलता की कहानी के बारे में बताने वाले है जिन्होंने अपनी लगन और मेहनत की तैयारी के कारण UPSC सिविल सर्विस एग्जाम क्लियर किया है जिस परीक्षा की तैयारी के लिए दिल्ली और अन्य बड़े कोचिंग संस्थानों की ओर रुख करते है वही गौरव आज दिल्ली छोड़ अपने गाँव लौटकर तैयारी की और सफलता को हासिल किया

उत्कर्ष गौरव कहा से की पढाई

पटना के उत्कर्ष गौरव नालंदा के भागन बीघा के अमर गांव के निवासी हैं उनके पिता एक किसान और माता गृहणी है इसी के साथ उनका एक भाई और एक छोटी बहन है गौरव बेंगलुरु से 2018 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढाई पास की और पढाई के बाद वे अपने घर लौटे साथ ही पढाई के दौरान उन्होंने सोशल मीडिया जैसे ऑनलाइन प्लेटफार्म से दुरी बनाई रखी वे सोशल मीडिया को बहुत ही कम इस्तेमाल करते थे साथ ही उन्होंने बताया कि कॉलेज के समय विधार्थी सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थे वही उनका कहना है कि जब मैं सिविल सेवा की तैयारी शुरू की तो सोशल मीडिया पर ज्यादा एक्टिव नहीं थे क्योंकि सोशल मीडिया पर ज्यादा समय देने से ध्यान भटकता है वही लोगों से जुड़ाव के लिए फोन कॉल का इस्तेमाल करता था ऑनलाइन पढाई के लिए youtube का यूज करता था

सेल्फ स्टडी के साथ की सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी

उत्कर्ष गौरव का कहना है कि सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी के लिए पॉलिटिकल साइंस, इतिहास जैसे विषयों के लिए कोचिंग की आवश्यकता पड़ी थी और आठ महिने कोचिंग करने के बाद कोरोना के कारण घर लौटना पड़ा था उन्होंने कहा कि ज्यादा पैसे नही होने के कारण और दिल्ली से तैयारी करने में खर्च बहुत आता है वही समय भी अधिक लगता था तो इस तरह मैंने घर पर ही रहकर इस परीक्षा को क्लियर किया जिससे घर में रहने से पैसों और समय दोनों की बचत हुई साथ ही माँ का बना घर का खाना मिलता था जिससे मैं बीमार भी नहीं पड़ता था और अपनी ऑनलाइन पढाई को निरंतर करता रहा

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